माँ दुर्गा मंत्र | Durga Mantras

"जो माता दुर्गा का आश्रय लेता है,
उसका कल्याण निश्चित है।
वह सभी दुखों, दोषों और डर से मुक्त होकर विजय को प्राप्त करता है।"

यह पावन पृष्ठ समर्पित है माँ दुर्गा को — शक्ति, शुद्धता, संरक्षण और विजय की अधिष्ठात्री देवी।
इन मंत्रों के जप से साधक को मानसिक बल, आध्यात्मिक ऊर्जा, रोगों और संकटों से रक्षा,
और जीवन में विजय की प्राप्ति होती है।


🔹 1. दुर्गा बीज मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥
भावार्थ: “हम चामुंडा स्वरूप माँ दुर्गा को प्रणाम करते हैं। यह मंत्र सभी बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है।”
📿 नवरात्रि, अमावस्या और संकट के समय विशेष फलदायक।


🔹 2. दुर्गा गायत्री मंत्र

ॐ कट्यायनाय विद्महे
कन्याकुमार्यै धीमहि।
तन्नो दुर्गि प्रचोदयात्॥
भावार्थ: “हम देवी दुर्गा का ध्यान करें, जो कन्या रूप में हैं; वे हमें ज्ञान, शक्ति और विजय प्रदान करें।”


🔹 3. शत्रु विनाशक दुर्गा मंत्र

ॐ दुं दुर्गायै नमः॥
भावार्थ: “माँ दुर्गा को प्रणाम। यह मंत्र शत्रु, डर और बाधाओं को नष्ट करता है।”


🔹 4. नवदुर्गा मंत्रावली

ॐ शैलपुत्र्यै नमः
ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः
ॐ चंद्रघंटायै नमः
ॐ कूष्मांडायै नमः
ॐ स्कंदमातायै नमः
ॐ कात्यायन्यै नमः
ॐ कालरात्र्यै नमः
ॐ महागौर्यै नमः
ॐ सिद्धिदात्री नमः॥
भावार्थ: नौ रूपों की वंदना से जीवन में शक्ति, स्थिरता, करुणा और सिद्धि आती है।


🔹 5. संकट मोचन दुर्गा स्तुति (छोटी पर प्रभावशाली)

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
भावार्थ: “हे माँ! जो समस्त प्राणियों में शक्ति रूप में निवास करती हैं, उन्हें बार-बार नमस्कार है।”


📿 दुर्गा मंत्र जप विधि


🌟 दुर्गा मंत्रों के लाभ


🙏 माँ दुर्गा शक्ति की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं।
उनके मंत्रों में ब्रह्मांड की चेतना छिपी है।
श्रद्धा से जपें – और जीवन को अमंगल से मंगलमय बनाएं।



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