🚩 हनुमान मंत्र | Hanuman Mantras
"जहाँ हनुमान हैं, वहाँ कोई बाधा नहीं।
वो संकटों का नाश करने वाले हैं,
भक्ति, शक्ति और सिद्धि के अमूल्य भंडार हैं।"
यह पृष्ठ समर्पित है श्री हनुमान जी को –
रामभक्त, अंजनीपुत्र, बलशाली, संकटमोचक को।
इन मंत्रों का जप श्रद्धा और विश्वास से
किया जाए तो जीवन के हर संकट से मुक्ति मिलती है।
🔹 1. संकटमोचन बीज मंत्र
ॐ हं हनुमते नमः॥
भावार्थ: “हनुमान जी को नमस्कार करता हूँ जो सब संकटों का नाश करते हैं।”
📿 इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जप, विशेषकर मंगलवार और शनिवार को अत्यंत प्रभावी होता है।
🔹 2. मारुतिनंदन मंत्र
ॐ अञ्जनिसुताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमानः प्रचोदयात्॥
भावार्थ: “हम अंजनी पुत्र और वायु पुत्र हनुमान जी का ध्यान करते हैं,
वे हमें बुद्धि, बल और भक्ति प्रदान करें।”
🔹 3. बजरंग बलि रक्षा मंत्र
ॐ बज्राङ्गाय हुम् फट्॥
भावार्थ: यह तांत्रिक बीज मंत्र हनुमान जी से रक्षा की शक्ति देने वाला मंत्र है।
🛡 इस मंत्र का जप करते समय कल्पना करें कि आपके चारों ओर बजरंगबली की ऊर्जा ढाल बन रही है।
🔹 4. हनुमान गायत्री मंत्र
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमान् प्रचोदयात्॥
भावार्थ: यह गायत्री मंत्र हनुमान जी के तेज, बल, बुद्धि और भक्ति को जागृत करता है।
🔹 5. बल, बुद्धि और भक्ति हेतु मंत्र
मनोजवं मारुततुल्यवेगं
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं
श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
भावार्थ: “मैं श्रीराम के दूत, वायु पुत्र, बुद्धिमानों में श्रेष्ठ हनुमान जी की शरण लेता हूँ।”
📿 हनुमान मंत्र जप की विधि
प्रातः स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
हनुमान जी की मूर्ति/फोटो के सामने दीपक जलाकर मंत्र जप करें।
मंगलवार व शनिवार को विशेष फलदायक होता है।
तामसिक भोजन व विकारों से दूर रहना चाहिए।
रुद्राक्ष माला का प्रयोग करें।
🌟 हनुमान मंत्रों के लाभ
भय, भूत-प्रेत बाधा और काली शक्तियों से सुरक्षा
रोग, शत्रु और संकटों से मुक्ति
मानसिक बल, आत्मविश्वास और स्थिरता में वृद्धि
श्रीराम भक्ति की गहराई और सतत जागरूकता
🙏 जो श्रीराम के कार्य के लिए जीवन अर्पित कर दें – वो ही सच्चे हनुमान भक्त हैं।
मंत्र जप के साथ हनुमान जी की सेवा, ब्रह्मचर्य और शुद्धता का पालन करें।
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