☀️ सूर्य मंत्र | Surya Mantras

"सूर्य ही जीवन हैं।
जिनकी किरणों से पृथ्वी पर प्रकाश, ऊर्जा, और जीवन संभव है —
उनकी उपासना से आत्मबल, आरोग्य और तेज की प्राप्ति होती है।"

यह पावन पृष्ठ समर्पित है सप्तारथी भगवान सूर्य देव को —
जो नवग्रहों के अधिपति, ज्योति के स्वरूप और दिव्यता के प्रत्यक्ष देवता हैं।
सूर्य मंत्रों का जप स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और जीवन शक्ति को जागृत करता है।


🔹 1. आदित्य मूल मंत्र

ॐ घृणिः सूर्याय नमः॥
भावार्थ: “मैं सूर्य देव को प्रणाम करता हूँ जो तेज, जीवन और ऊर्जा के प्रतीक हैं।”
📿 सूर्योदय के समय 12, 21 या 108 बार जप अति फलदायक होता है।


🔹 2. आदित्य गायत्री मंत्र

ॐ आदित्याय विद्महे
मार्तण्डाय धीमहि।
तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्॥
भावार्थ: “हम आदित्य देव (सूर्य) का ध्यान करें, वे हमें प्रकाश, बल और विवेक प्रदान करें।”


🔹 3. सूर्य अर्घ्य मंत्र (जल अर्पण हेतु)

ॐ सूर्याय नमः।
ॐ भास्कराय नमः।
ॐ आदित्याय नमः।
ॐ मित्राय नमः।
ॐ रवये नमः॥
🌊 प्रातः स्नान के बाद सूर्य को तांबे के लोटे से जल अर्पण करते हुए उच्चारण करें।


🔹 4. सूर्य बीज मंत्र

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः॥
भावार्थ: यह तांत्रिक बीज मंत्र है जो विशेष साधनाओं में उपयोग होता है।
💪 यह आत्मबल और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है।


🔹 5. सप्तनाम मंत्र

ॐ ह्रां मित्राय नमः।
ॐ ह्रीं रवये नमः।
ॐ ह्रौं सूर्याय नमः।
ॐ ह्रैं भानवे नमः।
ॐ ह्रूं खगाय नमः।
ॐ ह्रः पूष्णे नमः।
ॐ ह्रं आदित्याय नमः॥
भावार्थ: सूर्य देव के सात रूपों को वंदन करने वाला दिव्य मंत्र।


📿 सूर्य मंत्र जप विधि


🌟 सूर्य मंत्रों के लाभ


🙏 "सूर्य का स्मरण अंधकार को मिटाता है।
मन और शरीर दोनों को सशक्त करने का उपाय है – सूर्य मंत्र जप।
यह न केवल आरोग्य देता है, बल्कि चेतना को भी प्रकाशित करता है।"




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