🕉 श्री विष्णु मंत्र | Vishnu Mantras

"जो सृष्टि का पालन करता है, वही भगवान विष्णु हैं।
उनके नाम का स्मरण जीवन में संतुलन, करुणा और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।"

यह पृष्ठ समर्पित है भगवान विष्णु को — पालनकर्ता, धर्म के रक्षक, श्री लक्ष्मीपति और जगत के संरक्षक को।
श्रीहरि विष्णु के मंत्रों के जप से मन शांत होता है, जीवन में सतोगुण की वृद्धि होती है और सभी कार्यों में मंगल होता है।


🔹 1. विष्णु मूल मंत्र

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥
भावार्थ: “मैं भगवान वासुदेव (श्रीकृष्ण / विष्णु) को प्रणाम करता हूँ।”
📿 यह मंत्र मोक्षदायक, शुद्धिकरण व आत्मिक जागरण हेतु अत्यंत प्रभावी है।


🔹 2. श्री हरि मंत्र

ॐ विष्णवे नमः॥
भावार्थ: “भगवान विष्णु को नमस्कार।”
🙏 इस सरल मंत्र के निरंतर जाप से जीवन में शुभता और संतुलन बना रहता है।


🔹 3. नारायण गायत्री मंत्र

ॐ नारायणाय विद्महे
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्॥
भावार्थ: “हम नारायण का ध्यान करें, जो वासुदेव हैं; वे हमें प्रेरणा और चेतना प्रदान करें।”


🔹 4. लक्ष्मीनारायण मंत्र

ॐ श्री लक्ष्मीनारायणाभ्यां नमः॥
भावार्थ: “श्री लक्ष्मी और श्री नारायण को संयुक्त रूप से प्रणाम।”
💑 दाम्पत्य जीवन, धन और धर्म के संतुलन के लिए श्रेष्ठ।


🔹 5. विष्णु शांति मंत्र

ॐ शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्॥
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्।
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
भावार्थ: “मैं उस भगवान विष्णु को प्रणाम करता हूँ जो संपूर्ण ब्रह्मांड के आधार हैं,
शांत हैं, योगियों के ध्यान में आते हैं, और संसारिक भय का नाश करते हैं।”


📿 विष्णु मंत्र जप विधि


🌟 विष्णु मंत्रों के लाभ


🙏 “विष्णु स्मरण ही सबसे सरल और सच्ची साधना है।”
श्रीहरि की भक्ति से जीवन में सच्चा आनंद और परमगति की प्राप्ति होती है।
नित्य जप करें – और श्रीहरि का आशीर्वाद पाएं।



© 2025 Bhakti Bhavna | Powered by @Bablu_Dwivedi 418